बात उन दिनों की है जब मैं बी0 ए0 का छात्र था। मेरा एक सहपाठी था। नाम था पुरुषोत्तम अम्बालाल पटेल। खम्बात का रहने वाला था पटेल। हम दोनों में गहरी मित्रता थी। एक बार बातचीत के दौरान अचानक बोल बैठा पटेल - भाई शर्मा जी हम दोनों में जो पहले मरेगा वह परलोक की बात बतलाएगा दूसरे को। मैंने हँसकर कहा, तुम पागल हो। अभी तक किसी ने मरने के बाद बतलाया है आकर परलोक की बात। मगर मैं बतलाऊँगा देखना - पटेल का स्वर गम्भीर था। भला मैं उस समय कहाँ जानता था कि पटेल जो कह रहा है वह कभी कर के भी दिखाएगा।परीक्षाफल निकलने के बाद पटेल अपने घर चला गया। कुछ समय तक हम दोनों में पत्र व्यवहार होता रहा। फिर धीरे-धीरे बन्द हो गया। बाद में पता चला कि फौज में भर्ती हो गया है पटेल। दूसरे महायुद्ध का अन्तिम चरण था। उस समय अचानक पता चला कि पटेल युद्ध में मारा गया। यह समाचार सुनकर स्तब्ध रह गया मैं। धीरे-धीरे चार साल का लम्बा अर्सा गुज़र गया। और उसी के साथ सब कुछ भूल गया मैं।उस दिन सुबह से ही झम-झम कर बरस रहे थे मेघ, साँझ का समय था। मैं अपने कमरे में बैठा विद्यालय की परीक्षा की कापी जाँच रहा था। तभी फटाक् से बन्द दरवाजा खुला। सिर उठा कर देखा। सामने पटेल खड़ा मुस्कुरा रहा था। पूरे फौजी वर्दी में था वह। उसे देखते ही सन्न रहा गया मैं। सारा शरीर रोमान्चित हो उठा मेरा। सुषुम्ना शिथिल होती जान पड़ी। खून बर्फ़ हो जाए, ऐसा ठण्डा आतंक मेरी शिराओं में दौड़ गया। किसी प्रकार गला साफ कर हकलाते हुए बोला- अरे पटेल तुम?.
Parlok Vigyan (The Secrets of the Next World)
Title Parlok Vigyan
(The Secrets of the Next World)Author Shri Arun Kumar Sharma Language Hindi Publication Year: First Edition - 2006 Price Rs. 300.00 (free shipping within india) ISBN 8OTPVH Binding Type Hard Bound Pages xxxii + 374 Pages Size 21.5 cm x 14.0 cm