गायत्री दो लोटा भर कर पानी ले आयी। एक लोटा बड़ा था और दूसरा छोटा। बड़े लोटे का पानी लेकर रामगोपाल ने कोई मन्त्र बुदबुदाया। फिर छोटे लोटे का पानी लेकर उसी तरह कोई मन्त्र पढा। फिर बड़े लोटे का पानी गायत्री को देते हुए उसने कहा- इस लोटे का पानी मुझ पर डालते ही मैं शेर बन जाऊँगा और जब तुम छोटे लोटे का पानी मेरे ऊपर डालोगी तो मैं वापस मनुष्य बन जाऊँगा। लेकिन खूब होशियार रहना। ज़रा सी भी भूल मत करना।
फिर क्या हुआ? मैंने प्रश्न किया।
होगा क्या? शास्त्री जी ने कहा - जो होना था वही हुआ। गायत्री ने बड़े लोटे का पानी, आधी रात की निस्तब्धता में रामगोपाल के ऊपर डाल दिया और फिर देखते ही देखते कमरे के भीतर एक विशालकाय भयंकर शेर अवतरित हो गया। उसने अपनी अंगारे की तरह जलती हुई आँखों से गायत्री की ओर देखा ओर फिर अपनी जीभ लपलपाते हुए रह-रहकर गुर्राने लगा ओर साथ ही चक्कर काटने लगा कमरे में।
अपने सामने एक भयानक शेर को देखकर गायत्री थर-थर काँपने लगी ओर चीखकर बेहोश हो गयी। उसके बाद सर्वनाश ही हो गया। गायत्री की चीख सुनकर उसके आठ साल के बेटे श्यामू की नींद टूट गयी। बिछौने पर उठ बैठा। भयंकर शेर को सामने देखकर वह डरकर भागा। और इसी भाग दौड़ में दूसरे लोटे में रखा पानी जमीन पर गिरकर फैल गया। पानी को गिरते देखकर शेर की आँखें जल उठी, क्रोध से नहीं, भय ओर पश्चात्ताप से। दोबारा मनुष्य बनने का रास्ता बन्द् हो चुका था अब उसके लिये। रामगोपाल शेर के रूप में जोर से दहाड़ा।
Rahasya (The Mysticism
Title Rahasya
(The Mysticism)Author Shri Arun Kumar Sharma Language Hindi Publication Year: First Edition - 2008 Price Rs. 300.00 (free shipping within india) ISBN 9788190679602 Binding Type Hard Bound Pages xx + 452 Pages Size 22.5 cm x 14.5 cm